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Teesri Kasam Summary in English | Class 10 Hindi | #cbse #ncert


Teesri Kasam Summary in English


 

कवि और गीतकार शैलेंद्र ने जब फणीश्वर नाथ रेणु की अमर कृति ‘तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफाम’ को सिनेमा परदे पर उतारा तो ये फिल्म मील का पत्थर सिद्ध हुई अर्थात इस फिल्म की जगह कोई दूसरी फिल्म नहीं ले पाई।

When Poet and lyricist Shailendra, created on screen Phanishwar Nath Renu's immortal work 'Teesri Kasam aka Mare Gaye Gulfam' the film proved to be a milestone, such that no one can replace this film.


‘तीसरी कसम’ को आज इसलिए भी याद किया जाता है क्योंकि इस फिल्म को बनाने के बाद यह भी सिद्ध हो गया कि हिंदी फिल्म जगत में एक सार्थक और उदेश्य से भरपूर फिल्म को बनाना कितना कठिन और कितना जोखिम भरा काम है।

'Teesri Kasam' is also remembered today because after making this film, it proved how difficult and risky it is to make a meaningful and purposeful film in the Hindi film industry.


‘संगम’ नाम की फिल्म की आश्चर्यजनक सफलता के बाद फिल्म के नायक राज कपूर में गहरा आत्मविश्वास आ गया जिसके कारण उन्होंने एक साथ चार फिल्मों में काम करने की सार्वजनिक बात कर दी।

After the stupendous success of Sangam, the hero of the film, Raj Kapoor became very confident, due to which he publicly talked about working in four films simultaneously.


इन्हीं फिल्मों में सन 1966 में कवि शैलेंद्र के द्वारा बनाई गई फिल्म ‘तीसरी कसम’ भी शामिल है। कहा जा सकता है कि ‘तीसरी कसम’ फिल्म नहीं बल्कि कवि शैलेंद्र द्वारा कैमरे की रील पर लिखी गई एक कविता थी।

In these films, the film 'Teesri Kasam' made by poet Shailendra in 1966 is also included. It can be said that 'Teesri Kasam' was not a film but a poem written by poet Shailendra on the camera reel.

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